भजन
-17
मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना
मेरी जिंदगी तुम्हीं से कही तुम बदल ना जाना
1. तेरी बंदगी से पहले मुझे कौन जानता था
अब
तो तेरे कर्म से जाने है कुल ज़माना मुझे..........
2. मेरी आरजू यही है मेरा दिल निकले तेरे दर पे
अभी
सांस चल रही है कही तुम चले ना जाना मुझे..........
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