Thursday, December 24, 2020

3. होवे गुरुमुख होवे होवे

 

भजन -3

 

होवे गुरुमुख होवे होवे प्रेमी सत्संग में ना जाए बड़ी शर्मिंदगी है

जिसदा दिया तू पहने खावे उसदी याद भुलावे बड़ी शर्मिंदगी है

 

1. जिन्हां दे पीछे प्रेमी लांदा तू रोज बहाने

उन्हा ने लाना नहीं तैनूँ किसी वी ठिकाने

आखिर विच तैनूँ छड जाना या तू ही छड जाए बड़ी शर्मिंदगी है......

 

2. सतगुरु हर वेले, तेरे ने सच्चे सहाई

सुखी रहन दी ओना, तैनूँ है युक्ति बताई

सुन के सत्संग अमल ना करदा पल्ला झाड़ के जावे बड़ी शर्मिंदगी है..

 

3. सतगुरु हर वेले तेरे लिए कष्ट उठान्दे

  छोड़ अनामी देश सुते जीवा नूँ जगांदे

  लेकिन तू इतना गुमराह है, जरा कदर ना पाए

 

4. दासन दास कुल मालिक नू तू ध्या ले

रूप इन्हां दा तू दिल विच अपने बसा ले

रूप उन्हां दा दिल-विच वस जावे फिर वी कदर ना पावे बड़ी

शर्मिंदगी है...........

 

 

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