Thursday, December 24, 2020

22. क्या -2 कहूँ मैं गुण

 

भजन -22

 

क्या -2 कहूँ मैं गुण प्रभु जी तेरी शान में

महिमा अगम तेरी आती नहीं बयान में

 

1. बुद्धि नहीं है जीव की जो तुझको पा सके

और कर सके कथन नहीं ताकत जुबा में महिमा..........

 

2. प्रकाश रूप बनके अँधेरा मिटा दिया

फैलाई अपनी रोशनी दोनों जहान में महिमा..........

 

3. भक्ति का पथ दिखा के जीवों को बचा लिया

खाते जीव ठोकरे वरना अज्ञान में महिमा............

 

4. तेरा सभी अवतारों से ऊँचा है मरतबा

तुझसा नहीं है कोई दास के ध्यान में महिमा.............

 

 

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