भजन -43
मेरे सतगुरु हारा वाले, मेरे सतगुरु हारा वाले
कि तेरा मैं दीवाना हो गया हारा वालेया
1. तेरी शान निराली सुनकर, पाके उससे भी कुछ बढ़कर
कि मेरा दिल शाद हो गया
हारा..........
2. तेरी शरण में आकर प्रीतम तुझे अपना बनाके प्रीतम
मैं तो धनवान हो गया
हारा..........
3. आज गीत ख़ुशी के गाओ, जय –जयकार बुलाओ
कि जीवन सफल हो गया हारा
वालेया........
4. अज दास के भाग जगे है, ऐसे सतगुरु मुझको मिले है
कि मैं तो भाग्यवान हो गया
हारा............
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