Thursday, December 24, 2020

34. मैंने रंग लिया तन मन

 

भजन-34

 

मैंने रंग लिया तन मन अपना सतगुरु तोरे रंग में

सतगुरु तेरे रंग में भगवान तोरे रंग में

 

1. आन समाओ प्रभु दीन दयालु ह्रदय में मेरे

मन मंदिर में ही रखना सदा तुम अपने बसेरे

तुम हमारी आत्मा हो, पारब्रह्म परमात्मा हो मैंने रंग..........

 

2. बिन तेरे दर्श के अखियों को सतगुरु कुछ ना सुहाता

जन्म -2 से है तुझ संग स्वामी सेवक का नाता

छुटे ना ये साथ तेरा थामे रखना हाथ मेरा मैंने रंग..........

 

3. आठ पहर रहे ध्यान तुम्हारा चाहत तुम्हारी

हरी भरी रहे तेरी कृपा से सतगुरु भक्ति की क्यारी

प्रीत तुमसे ही लगाई करना दाता राहनुमाई मैंने रंग..........

 

4. चढ़ गया रंग प्रभु ह्रदय पे ऐसा गहरा ही जाए

सुरति को जगत से मोड़ के नेह हम तुझ संग लगाए

तुमको तुझ से ही पाना, मीठा लागे तेरा बाना मैंने रंग..........

 

5. जिया मेरा चाहे श्री चरणों से मेरे प्रीती हो ऐसे

राधा ने कन्हैया से किन्ही मेरे भगवन प्रीती है जैसे

प्रेम के मैं रंग फैंकू बिन तुम्हारे मै कुछ ना देखूँ मैंने रंग..........

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