भजन
–20
कितना पावन दर ये कितना सारा प्यार
कितना सारा प्यार हमें मिलता है हर बार
मेरे प्रभु ने बनाया है श्री आनंदपुर दरबार
1. तेरे द्वारे से जो भी प्रीत करे, तेरे नाम से जो भी
प्यार करे
वो काल माया
से छूट जाये, चौरासी उसकी कट जाये
तेरी नानक
जैसी वाणी, तेरा सबसे अलग है प्यार
तेरी इक इक
अदा पे सदके जावां मैं लख बलिहार मेरे प्रभु....
2. तेरा पावन दर्शन जो भी करे, गम दूर हो जाए सदा खुश
वो रहे
जो आस करे वो
पा जाये, वो मांगी मुरादे पा जाये
तेरा सुंदर-2
दर्शन तेरा निर्मल-2 प्यार
जी चाहता है
एक- एक पल तेरा करता रहूँ दीदार मेरे प्रभु....
3. है फक्र ये हमको है दास तेरे, रहे यूँ ही हम सदा
पास तेरे
तेरी आरती पूजा कर पाये, तेरी सेवा- सुमिरन कर पाये
तेरा झण्डा झूले श्याम, श्री आनन्दपुर के धाम
तेरी
आज्ञा से नाम तेरा मैं जपता रहूँ सुबह शाम मेरे प्रभु....
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