भजन
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मेरा सतगुरु दीन दयाल जेड़ा रहन्दा हर दम नाल
राती सुपने दे विच आ गया
श्री आनंदपुर लै जावांगे, श्री प्रयागधाम लै
जावांगे
तू क्यों भगतां घबरा गया
1. लम्बा पैंदा श्री प्रयागधाम मैं दस किवें आवां
असी
बाहँ फड़ लै जावांगे तू क्यों भगता घबरा गया
2. अंदर मेरे घोर अंधेरा मैं दस किवें आवां
असी
कार ते लै जावांगे तू क्यों भगता घबरा गया
3. माँ प्यो मेरे आन न देंदे मैं दस किवें आवां
असी
चिठियाँ पा देवांगे तू क्यों भगता घबरा गया
4. पल्ले मेरे पैसा है नहीं मैं दस किवें आवां
असी
झोलियाँ भर देवांगे तू क्यों भगता घबरा गया
5. जिस रस्ते तुसी आना दाता ओथे फूल बिछावां
दिल नहीं लगदा तेरे वाजो हुन किवे मैं आवा
असी
कार ते लै जावांगे तू क्यों भगता घबरा गया
6. रुहां दे कल्याण दी खातिर पांच नियम बनाये
श्री आरती पूजा, सेवा, सत्संग, सुमिरन, ध्यान बताये
जो
श्रद्धा नाल करे मेरे गुरां दा दर्शन पा गया.......
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