भजन
-25
दो नैनों के सामने हर दम तेरी तस्वीर हो
मैं बनूं दीवाना तेरा, बाँधी प्रेम जंजीर हो
1. अब तलक मैंने गुजारी गफलत में ये जिंदगी
अब ये तन अर्पण हो तुमकों, मन मेरा ये फकीर हो दो नैनों.............
2. मन के मंदिर में बसों और मैं करूँ तेरी आरती
प्रेम की हो जोत प्रभु जी, ऐसी मेरी तकदीर हो दो
नैनो.............
3. नाम के छिट्टे पड़े इस मेरे उजड़े बाग़ में
हो बहारे फिर से भगवन, प्रेम का ही नीर हो दो नैनो
के...............
4. अपने भक्तों को है तुमने प्रेम का अमृत दिया
दास को भी भक्ति बख्शों, जग के पीरों के पीर हो दो
नैनों.......
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