भजन -35
मेरे दिल के दिलबर हो, मेरी रूह के रहबर हो
तुम शान हमारी हो, पहचान हमारी हो
शरण मिली तेरी हमे भाग्यशाली है हम
तेरा साथ पाकर के बलिहारी जाए हम मेरे दिल........
1. तेरी
प्रेममयी है सूरत हाँ सूरत........
ममता
से भरी है प्यारी तेरी मूरत
तेरी
करुणा मयी है मूरत हाँ मूरत
है
छवि तेरी जहां में खुबसूरत शरण मिली...........
2. तेरे
वचन है हीरे मोती हाँ मोती
पहचान
है सत्य की जिससे होती
तेरे
वचनों से होमे खोती हाँ खोती
तेरे
वचनों से जागे किस्मत सोती शरण मिली...........
3. हो
सबके एक सहारे हाँ सहारे
मेरी
अखियों के प्यारे -2 तारे
हम
तेरे ही बन के गुजारे हाँ गुजारे
तेरा
साथ लेकर हम इस मन को मारे शरण मिली...........
4. करे
दास तेरा शुकराना
कभी
भूले ना तेरा मुस्कराना
कभी
करे ना कोई बहाना
करे
रोज हम सिमरण कृपा निधाना शरण मिली...........
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