भजन –36
पाया तेरा दर्शन के मेरे भाग खुल गए
पाई तेरी शरण के मेरे भाग खुल गए
मिला जो आशीर्वाद के मेरे भाग खुल गए
1. जब
से तेरा पाया साथ, बन गई मेरी बिगड़ी बात
मेरे
सिर पर तेरा हाथ, यह है मुझपे तेरी दात पाया...........
2. जब
से तेरी शरण मिली, मेरी साड़ी बालाएं टली
तेरी
दया की लहर चली, दुःख की अब है सांझ टली पाया...........
3. मेरे
गुरु गरीब नवाज, मेरे दिल पे तेरा राज
तू
ही करता सारे काज, लेकर आए नाम जहाज पाया...........
4. दास
को अपना बनाया है, दास पे कर्म कमाया है
क्या
से क्या बनाया है मुझे, सच्चा दिया सरमाया है पाया...........
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