भजन-52
प्रभु जबसें मिला साथ तेरा,
जीवन में बहार हैं आई-२,
बड़ें ऊँचें हैं भाग हमारे,तेरी
शरणं मिली सुखदाई-२,
1.
किया रोशन मुककदर हमारा,
प्रेमाभक्ति की राहें दिखाकर-२,
हुआ
तन-मन उजला सभी का, तेरे
चरणों की सेवा कमाकर-२,
नहीं
होतें बयाँ उपकार-२,इतनी
रहमतें जो लुटाई-२, प्रभु....
2.
जन्मों-जन्म धोखा हैं खाया,रुहं
माया कें बन्धनों में आई-२,
अब
रुहानी रहबर कों पाकर, कटी
चौरासी-चक्कर की फाँई-२,
हो
गये मालोंमाल सच्चे-धन सें-२,करुणां
की जो दृष्टि फिराई-२, प्रभु....
3.
तेरे उपकार कैसें भुलायें,ऐ
दोनों जहानों कें वालीं-२,
अर्शो
सें फर्श पर आकर, नाम
की दातं बकशीं हैं आली-२,
तेरी
गुरबत में आकर दाता-२,सच्ची
खुशियाँ हैं जो पाई-२, प्रभु..
4.
तेरे कदमों में जन्नत बिछी
हैं, पुन्यों-वालें ही देख
पातें-२,
जिसपें
तेरी हो नजरें मेंहर जब, इस
रुहानी दर पें आतें-२,
भाग्यशाली
हैं दास जहां में-२,सच्ची
सौगात भक्ति की पाई-२, प्रभु...
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