भजन-58
सतगुरु परमहंस अवतार
प्रथम करूँ दंडवत चरनार
सतगुरु पूरण सुख
धाम, चरण कमल का नित हो ध्यान
सतगुरु परमहंस
अवतार.................
1. बक्शों सतगुरु सुमति दान , दूर करों प्रभु मोह अज्ञान
वर दो ऐसा हे दातार प्रथम करूँ दंडवत चरनार..............
2.
करन करावन हार प्रभु, सृष्टि के करतार प्रभु
दीजों सतगुरु निज आधार प्रथम करूँ दंडवत चरनार..............
3.
तव दर्शन अति मंगल कारी बल हारी प्रभु बलिहारी
आनंद के प्रभु हो भण्डार प्रथम करूँ दंडवत चरनार..............
4.
श्री आनंद्सर
शांति भवन वंदन करते सुर नर जन
भक्तन
के प्रभु खेवन हार प्रथम करूँ दंडवत चरनार..............
5.
प्रेमा भक्ति हो ह्रदय वास आस यही है दासन दास
सुन लीजों प्रभु करुण पुकार प्रथम करूँ दंडवत चरनार..............
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