भजन-51
जय जय गुरु की बुलाओगे तो पाओगे आनंद
बोलो जय सच्चिदानन्द बोलो जय सच्चिदानन्द
1. जो भी गुरुमुख श्री सतगुरु की जय जयकार
बुलाते है
जय जय करते करते ही वो परमधाम को जाते
है
कभी ना उनको छू पाते है यम दूतो के फन बोलो जय.....
2. शुभ कर्मो से मानव जीवन दुर्लभ ऐसा पाया है
सोने में हुआ सुहागा सतगुरु ने अपनाया
है
कर सतगुरु की भजन बंदगी कह गए "साहिबचन्द"
बोलो जय.....
3. सत-चित-आनंद रूप गुरूजी जग तारन को आये है
निज रूहो को पार उतारण नाम जहाज बनाये
है
नाम जपो भव पार उतर लो, पालो परमानन्द बोलो जय...
4. प्रेमी श्री सतगुरु की जय जय करते ही छूटे ये प्राण
जिस तन में हो बसे सतगुरु क्या कर लेंगे
काल के बाण
अपने संग ले जायेंगे, वो परम पुरुष आनंद बोलो जय.....
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