Thursday, December 24, 2020

53. तुम्हारे सिवा ना प्रभु, चाहत

 

भजन-53

तुम्हारे सिवा ना प्रभु, चाहत करेंगे,

कि जब तक जीयेंगे, इबादत करेंगे-२,

 

1.     नजर चाहती हैं दीदार करना, ये दिल चाहता हैं तुम्हें प्यार करना-२,

तेरे श्री चरणों के पास जब आये, मस्ती इलाही में दिल झूम जाये-२, सदा ही मिले बस-२, प्यार तुम्हारा, इसे अपनी खुशकिस्मत कहेंगे-२,

 

2.     भक्ति की दौलत से भरपूर करना, कभी श्री चरणों से नहीं दूर करना-२,

तुझ संग नाता जन्म जन्म का, सेवक को स्वामी की सच्ची शरणं का-२,

तेरी छत्र छाया से-२, चूक ना जाये, यही अर्ज चरणों में हरदम करेंगे-२,

 

3.     निष्काम सेवा ही मेरा करम हो, श्री वचनों पे चलना मेरा धरम हो-२,

जीवन की नैया तेरे हवाले, चाहे तू डोबे चाहे तू बचा ले-२,

किस्मत से तुझसा-२, शंहनशाह पाया, तुझ संग ही बस मोहब्बत करेंगे-२,

 

4.     हमें श्री चरणों में लगाया हैं तुमनें, दासनदास अपना बनाया हैं तुमने-२,

अगर तुम ना मिलते हम कहाँ पे जाते, किसे अपना कहते कहाँ दिल लगाते-२, खता माफ कर दो-२, हुजूर हमारी, कि जन्म जन्म तेरी खिदमत करेंगे-२,

 

 

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