भजन-57
सतगुरु का सच्चा दरबार है मिलता सदा ही यहाँ प्यार है
1. श्रद्धा
से जो भी दर पे आएगा
मांगी
मुरादे दर से पायेगा
करता जो प्यारा दीदार है मिलता सदा
ही...........
2. जन्मों
से लगी दिल में आस है
पाना जी
भर के दीदार है
हो जाना
बेड़ा भव से पार मिलता सदा ही...........
3.
शरण महापुरुषों की जो यहाँ आएगा
सोये हुए
वो भागज गायेगा
जपते जो दिल से तेरा नाम है मिलता
सदा.......
4. दासा
ये जीवन सफल बना ले
सिमरन भजन
में मन लगा ले
रहमत होती बेशुमार है मिलता
सदा............
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