भजन -18
भावे सारी दुनियां प्यारी ऐ, सतगुरु तो कोई
प्यारा ना
जेड़ा कदम -2 ते रक्षा करे गुरु वरगा कोई
सहारा ना
1. तेरी शोभा सुन के आ बैठा मैं वी तकदीर जगा बैठा
जिस
दिन तो चरण चूमे ने, साडा डूबा कोई सितारा ना सानु.........
2. चाहे लख सहारे मिल जावन, कई महल चौबारे मिल जावन
गुरु
चरना दे विच सुख मिलदा, ऐदे वरगा कोई सहारा न
3. तेरी रहमत जित्थे पैंदी है, उत्थे कोई कमी न रहन्दी
है
तेरो रहमत दा की मूल पावां, तन मन धन कुरबान कर
जावां सानु.....
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