भजन
-7
रब मेरा
सतगुरु बन के आया, मैनूँ वेख लैन दे
मैनूँ वेख लैन दे, मत्था टेक लैन दे
1.
दीन दयालु साहिब प्यारा, बख्श रहा है सबको सहारा
ये पूर्ण करतार मैनूँ वेख लैन दे रब मेरा...........
2.
चारों पासे फूल वरसावो, पता नहीं गुरु किथों आवे
हुन पाऊँ मैं दीदार मैनूँ वेख लैन दे रब मेरा...........
3.
पत्थर वी ओथे तर जावे, जित्थे वी ऐ चरण छुवावे
आया है तारन हार मैनूँ वेख लैन दे रब मेरा...........
4.
बूटे-बूटे पानी पावे, सूखे
बूटे हरे बनावे
नी ओ आया माली बन के, मैनूँ
वेख...........
5.
गुरां दी महिमा गाई ना जाए, त्रिलोकी
इथे झुक जावे
नी ओ आया पार उतारण, मैनूँ वेख...........
6.
गुरां दी सूरत रब दी सूरत, कर दे
मुरादे सब दी पूर्ण
नी ओ रब दा पूरण स्वरूप, मैनूँ वेख...........
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