भजन-54
तू ना
विसारी दाता मैनु
जे मैं तैनू
भूल के विसारेया
1.
तू रूसियों जग हो गया वैरी
किस किस दे मैं जा पवां पैरी
चर्नी लगावी दाता मैनु जे मैं तैनू.......
2.
तू दाता मैं दीन भिखारी
दर तेरे ते मैं झोली पसारी
खाली ना मोड़ी दाता मैनु जे मैं तैनू.......
3.
रात हनेरी घूमन घेरी
फस गयी नाव भंवर विच मेरी
पार लगावीं दाता मैनु जे मैं तैनू.......
4.
दासी तेरी अर्ज़
गुज़ारे
किंवे आवा मैं तेरे द्वारे
राह दिखावीं दाता मैनु जे मैं तैनू.......
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