भजन
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मेरे सतगुरु दिन दयाल हे कृपाल तेरे गुण नित
गावां
किते जो एहसान मेरे ते कदे ना भुलावा तेरे
गुण नित गावां
1. तू बिरद निभाया है, रब नाल मिलाया है
जन्मा तो बिछड़ी सी मेरी आत्मा
आखिरी साह तक रजा तेरी विच जिन्दगी बितावा बस शुक्र
मनावां........
2. हुन मौज बहारा ने, खिड़ियाँ गुलजारा ने
मैनू कौन पुछदा सी, तेरे तो बिना
नाम तेरे नू मिले वडीयाई, मैं जित्थे वी जावां बस
शुक्र मनावां ..........
3. तेरा मिशन ईलाही है, सब लई सुखदायी ऐ
चारे वर्णा नू गल नाल लावे तू
मैनू वी ऐ कला बक्श दे सबना प्यार निभावा बस शुक्र
मनावा
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