भजन-55
मुझें आसरा
दिया हैं,ये तेरी मेंहरबानीं-२, ये तेरी मेंहरबानीं-२,
अपना बना
लिया हैं,ये तेरी मेंहरबानीं-२,
1.
गुनाहों में दिल की बस्तीं, वीरान हो रहीं थीं-२,वीरान
हो रहीं थीं,
मुझकों बचा लिया हैं,ये तेरी मेंहरबानीं-२, मुझें.....
2.
अपनी ही बे-कसीं में,मुझें जख्म ही दियें हैं-२,मुझें जख्म ही दियें हैं,
हर जख्म भर दिया हैं,ये तेरी मेंहरबानीं-२,
मुझें.....
3.
इस जिंदगी का मतलब,मैं भूल चुकीं थीं-२,मैं
भूल चुकीं थीं,
रस्तां दिखां दिया हैं,ये
तेरी मेंहरबानीं-२, मुझें.....
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