भजन-53
साड़े वेहड़े विच पैन
लिशकारे के साड़े घर सतगुरु आ गये,
कदी
वेहड़े टपा टपा मैं चुबारे के साड़े घर सतगुरु आ गये,
1.
सुनके आवाज़ मेरी आत्मा वी डोली है,
मेरे घर उतरी आज सन्ता दी टोली है,
मैं ता वेख रहिया अजब नज़ारे के साड़े घर राम आ
गये साड़े वेहड़े ....
2. आज
साड़े वेहड़े विच सतगुरु आये,
रहमता ते खुशियाँ दा मीह बरसाये,
आज हो रही तेरी जय जयकार के साड़े घर राम आ
गये, साड़े वेहड़े ....
3.
आत्मा मेरी ने आज वर घर पाया है,
मुदता दा बिछड़ा सतगुरु घर आया है,
मेरे जाग पाए भाग सितारे के साडे घर राम आ
गये. साड़े वेहड़े .......
4.
गुरु महाराज मेरा बड़ा बेमिसाल है,
निवा निवा चोला उसदा जलवा कमाल है,
सारी संगत बोले जय जयकारे,
के साड़े घर राम आ गये, साड़े वेहड़े .......
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