Sunday, December 20, 2020

53. साड़े वेहड़े विच पैन लिशकारे

 

भजन-53

 

साड़े वेहड़े विच पैन लिशकारे के साड़े घर सतगुरु आ गये,
कदी वेहड़े टपा टपा मैं चुबारे के साड़े घर सतगुरु आ गये,

1. सुनके आवाज़ मेरी आत्मा वी डोली है,
  मेरे घर उतरी आज सन्ता दी टोली है,
  मैं ता वेख रहिया अजब नज़ारे के साड़े घर राम आ गये साड़े वेहड़े ....

2. आज साड़े वेहड़े विच सतगुरु आये,
   रहमता ते खुशियाँ दा मीह बरसाये,
   आज हो रही तेरी जय जयकार के साड़े घर राम आ गये, साड़े वेहड़े ....

3. आत्मा मेरी ने आज वर घर पाया है,
   मुदता दा बिछड़ा सतगुरु घर आया है,
   मेरे जाग पाए भाग सितारे के साडे घर राम आ गये. साड़े वेहड़े .......

4. गुरु महाराज मेरा बड़ा बेमिसाल है,
   निवा निवा चोला उसदा जलवा कमाल है,
   सारी संगत बोले जय जयकारे,

   के साड़े घर राम आ गये, साड़े वेहड़े .......

 

 

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