भजन
-31
रूह गद् गद् हो गई ऐ दातया करके दर्शन तेरे
तेरे ज्ञान दे चानन ने कीते दूर दिलां तो
अंधेरे
1. मन मोहनी सूरत है तेरी ऐ मेरे दिलदारा -2
शो
तेरे चरणां दियां साईयाँ देवे स्वर्ग नज़ारा -2
मेरी
रूह रानी ने लै लये नाल ऐदे हुन फेरें रूह गद...............
2. मेरे ख्वाबों ख्याल च नई मैनूँ मिल जाऊँ मैनूँ माही
सोना -2
मेरे
दिल दी तख्ती ते जो बैठा बन के अज़ परोना -2
शहनाइयाँ
वज़ उठियाँ नी अड़ियों, वड़या अज अज वेड़े रूह गद.............
3. मेरे सोने सतगुरु ने मैनूँ अपनी शरणी ला लया -2
नी ऐ जग तो सोना है
ऐनूँ पाके सब कुछ पा लाया -2
मेहराँ हो गईयाँ नी
अड़ियों चमके भाग वी मेरे..................
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