Sunday, December 20, 2020

31. रूह गद् गद् हो गई ऐ

 

भजन -31

 

रूह गद् गद् हो गई ऐ दातया करके दर्शन तेरे

तेरे ज्ञान दे चानन ने कीते दूर दिलां तो अंधेरे

 

1. मन मोहनी सूरत है तेरी ऐ मेरे दिलदारा -2 

शो तेरे चरणां दियां साईयाँ देवे स्वर्ग नज़ारा -2

मेरी रूह रानी ने लै लये नाल ऐदे हुन फेरें रूह गद...............

 

2. मेरे ख्वाबों ख्याल च नई मैनूँ मिल जाऊँ मैनूँ माही सोना -2

मेरे दिल दी तख्ती ते जो बैठा बन के अज़ परोना -2

शहनाइयाँ वज़ उठियाँ नी अड़ियों, वड़या अज अज वेड़े रूह गद.............

 

3.  मेरे सोने सतगुरु ने मैनूँ अपनी शरणी ला लया -2

नी ऐ जग तो सोना है ऐनूँ पाके सब कुछ पा लाया -2

मेहराँ हो गईयाँ नी अड़ियों चमके भाग वी मेरे..................

 

 

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