भजन
-26
सुमिरन कर लो जी हीरा जन्म अनमोल
चोला रंग लो जी इसका ना लागे मोल
1. कृपा कर दी हरि ने तुझ पर, मानस जन्म दिलाया
स्वास -2 तू चेतन हो जा, वृथा जन्म ना जाया
काहे भटको जी घट में हीरा मोल सुमिरन...........
2. ना कोई तेरा संगी साथी जग है खेल पराया
आज हुआ जो तेरा अपना कल होगा वो पराया
प्रभु के हो जाओ जी अंतर दे पट खोल सुमिरन.......
3. सतगुरु दाते कर दी कृपा प्रेम से ज्ञान सुनाया
घट ही में तेरे प्रभु है बैठा अपने में ही जनाया
गुरु से प्रीत कर लो जी कछु ना लागे मोल
सुमिरन.........
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