भजन –37
पल -2 तेरे साथ मैं रहता हूँ
डरने की क्या बात जब मैं बैठा हूँ
1. तूफान के आगे, तेरा दिल खबराता हैं
मैं साथ हूँ तेरे तू भूल जाता
है
जब आखँ तेरी भरती दिल मेरा रोता
है
मेरे आंसू का कतरा तेरी आखँ में
होता
जब दुःख में हो बेटा तो बाप भी
रोता है पल-2...........
2. संघर्ष है जीवन, संघर्ष किए जा तू
सुख दुःख दो पहलु है मस्ती में
जीए जा तू
क्यूँ हारता तू ऐसे हालातो के
आगे
तेरा होसलां बनके जब मैं चलता
आगे
मैं भी नहीं सोता जो तू रतिया
जागे पल............
3. ये दौर बीतेगा नया दौर आयेगा
काटों की राहों पर चलना आ
जायेगा
है रात काली तो दिन भी उग
जायेगा
विश्वास रख मुझपे रस्ता मिल
जाएगा
जीवन की पहेली को तू खुद
सुलझाएगा पल............
4. नईयां जो लहरों में तेरी डूब जायेगी
तेरी लाज जायेगी तो मेरी लाज
जायेगी
मैं आत्मा तेरी, एहसास हूँ तेरा
क्यूँ घबराता जब मैं विश्वास
हूँ तेरा
भूल न अकेला तू संग शाम है तेरा
पल........
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