भजन
-21
जब से मिला है गुरु दरबार
जिंदगी में आ गई नई बहार
1. काल माया से छूट गए
बंधन सारे टूट गए
उतर गया जन्मों का भार जिंदगी में................
2. गुरु दरबार की ऊँची शान
संत रूप में आये भगवान
करने रूहों का कल्याण जिंदगी में................
3. गुरु तो जहां के वाली है
गुरु घर रोज दीवाली है
अर्शो हो रही जय-जय कार जिंदगी में................
4. दास की किस्मत जाग पड़ी
सतगुरु से जो प्रीत बनी
सतगुरु ने किया हम पे उपकार जिंदगी
में................
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