भजन
-35
मेरे सतगुरु हारां वाले मेरे ह्रदय के झूले
में झूलों
सुंदर झूला झूलने वाले मेरे सतगुरु हारां
वाले हारां वाले
1. तुम्हीं तो मेरे राम कृष्ण हो, तुम्हीं तो मेरे
परमब्रह्म हो
तीनो लोक के तुम हो मालिक, कण -2 में भी समाये तुम
हो
मेरे
सतगुरु.......
2. दीद तेरी जो मिलती सतगुरु, रोम -2 मेरा खिल जाता
तेरे नाम में सुध-बुध खो कर, तुझ ही मैं लीन हो
जाता
मेरे
सतगुरु.......
3. मेरे सतगुरु मेरे दाता, तुझ सा नहीं है परउपकारी
भव सागर में फंसती नईयां, तुम्हीं तो है पार उतारी
मेरे सतगुरु.......
4. दात नूरानी बख्श ने वाले, तेरा ही है आधार मुझे
तेरे नाम की ताकत से ही मिलती है राहत मुझे
मेरे सतगुरु..........
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