Tuesday, December 22, 2020

81. मुझे दात वो मिली है जग

 

भजन -81

 

मुझे दात वो मिली है जग में है जो लासनी

तेरे पाक चरण छुकर पाई है जिंदगानी

 

1. तेरा नूरी मुखड़ा चमके, चमके जो चंदा अम्बर

सोना ये रूप दाता बिछड़े ना एक दम भर

मेरे दिल को भा गई ये छवि है मन भानी मुझे दात ........

 

2. कितना है तू दयालु बक्शे गुनाह जो मेरे

बढ़ते ही जा रहे है एहसान मुझपे तेरे

तेरा प्यार पाके दाता जन्नत पड़ी भुलानी मुझे दात ........

 

3. दासों कि है दिवाली, भगवान तुझको पाकर

हम पर करदो ऐ दाता रहमत कि एक नजर

हर दम ही गीत और तेरी ही कहानी जग में जो है लासनी -2 मुझे दात...............

 

 

****