भजन-48
मैं वारी जाऊं सूरत पे थारी मेरे सतगुरु
बलिहारी जाऊं सूरत पे थारी सतगुरु
1. मेरे
तो मन में सतगुरु समाये
तेरी
महिमा सब जग गाये
ओ लीला -3 अजब न्यारी मैं
वारी जाऊं सूरत...........
2. सतगुरु
दया से भाग जगे है
जन्मों
से बिछड़े सतगुरु मिले है
ओ महिमा -3 सबसे प्यारी मैं
वारी जाऊं सूरत...........
3. सब
भक्तो के काज बनाते
सतगुरु
भव से पार लगाते
है किरपा-3 तेरी सारी मैं
वारी जाऊं सूरत...........
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