भजन -67
उसको नहीं देखा हमनें कहीं उसकी भी जरुरत क्या होगी
सतगुरु -2 तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या
होगी
1.
कहते
है तेरी शान में कोई ऊँचे बोल नहीं -2
भगवान के पास भी सतगुरु तेरे प्यार का मोल नहीं -2
खुशियाँ ही लुटाये जिसके नयन ऐसी कोई मूरत क्या
होगी सतगुरु........
2. इंसान तो क्या देवता भी आंचल में पले तेरे -2
है स्वर्ग यही जमीं पर चरणों के तले तेरे -2
हम तो यही जाने तुझसे बड़ी संसार की दौलत क्या होगी
सतगुरु.........
3. क्यों धूप जलाँऊ दीपक मैं क्यों गम की घटा बरसे -2
ये हाथ दुआओं वाले रहते है सदा सर पे -2
तू है तो अँधेरे पथ में हमें दीपक की जरुरत क्या
होगी सतगुरु........
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