Tuesday, December 22, 2020

53. सतगुरु खुशियाँ लुटांदे

 

भजन -53

 

सतगुरु खुशियाँ लुटांदे ने हर वेले

तैनूँ लूटना ना आवे ता ओ की करे

 

1. अंदर भक्ति की जोत जगा ले

मन गुरां चरना विच लगा ले

ओतां शरणी लगांदे ने हर वेले तैनूँ लगना न

 

2. खुद रख दे ने दिल दा महखाना

कोई पी जावे आके दीवाना

ओता जाम पिलांदे ने हर वेले तैनूँ पीना न आवे

 

3. सारे जग नूँ मैं ठुकरा के आया

तेरे दर ते अलख जगाई

ओता अपना बनादें ने हर वेले तैनूँ बनना न आवे

 

 

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