भजन
-71
प्यारा सा मुखड़ा सिर पे रुमाल
दाता जी तुमने किया है कमाल
आनंदपुर वाला है मेरा हारा वाला
भक्तों का दुलारा है मेरा हारा वाला
1. बन संवर के बैठा, ये दरबार अपना लगा के
देख लो करिश्मा, सतगुरु चरणों में शीश को झुका के
कष्ट कटे दुखड़े मिटे, देता छुटकारा है मेरा..........
2. आ रहें लाखों मेरे दाता का करने को दर्शन
ध्यान से जो देखे, इसके चेहरे में है वो आकर्षण
दिवाना कर देता, ऐसा जादूगर है मेरा हारा..........
3. जो भी है जरुरत, सच्चे मन से तू अर्जी
लगा दे
चाहिए अगर कुछ इसके दर पे तू पल्ला बिछा दे
कितनो की किस्मत की रेखा को संवारा है मेरा..........
4. मुझको जो मिला है कैसे शब्दों में वर्णन
करूँ मैं
बार -2 आकर, तेरे चरणों में वंदन करूँ मैं
दिल मेरा यूँ बोले भक्त तुम्हारा है मेरा...............
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