भजन -45
श्री आनंदपुर का नक्शा, अर्शों से उतर कर
आया है
मेरे सतगुरु ने किन्ना सोना दर बनाया है
1. सारे जहान में अलग नजारां है
लगता यह दर हमको बड़ा प्यारा-2 है
इस
दर के कण -2 में प्रेमी, आनंद ही समाया है मेरे...
2. श्री मंदिरों की तो बात निराली है
झुकते यहाँ पर लाखों सवाली है
श्री
मंदिरों के आस पास ही, आनंदसर बनाया है मेरे........
3. श्री दरबार में प्यारा मोती बाग़ है
सुंदर दाता का यहाँ पर राज है
रंग
बिरंगे फूलों की, बहारों से सजाया है
4. प्रभु जी ने बनाया प्यारा दर्शन हाल जी
दर्शन देके करते सबको निहाल जी
दास क्या महिमा गाये इनकी, कुदरत से इन्हें पाया है
मेरे.....
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