भजन
-6
बैकुण्ठ धाम को धरती पर उतारा की देख सब
निहाल हो गए -2
श्री आनंदपुर बनाया प्यारा प्यारा की देख सब
निहाल हो गए -2
1. सच्चा दिया नाम हमें प्यारे सतगुरु ने
किया मालो माल सबको मेरे प्रभु ने
खुले
हाथों लुटा रहे है भक्ति के सतगुरु दयाल हों गए..........
2. पाँच नियम मेरे प्रभु ने बनाएँ
गुरुमुख जन सारे श्रद्धा से अपनाएँ
किया भक्ति से मालों-माल सतगुरु के प्रेमी खुशहाल हो गए.............
3. प्रकटें है प्रभु परमहंस रूप में
प्रेमी देख रूप तेरा खुशियों में झूमें
तेरे दर्शन का सुंदर ये नज़ारा के देख सब निहाल हो गए...............
4. कैसी सुहानी घड़ी कैसा ये दिन है
प्रभु जी का प्यार पाके झूमें तन मन है
दास
चरणों मे वारी-वारी जाये के सतगुरु दयाल हो गए...............
5. दास खुशनसीब है जो प्रभु तुम मिले हो
रक्षक हमारे हर जन्म मे बनें हो
युग-युग पाये दाता प्यार तुम्हारा तुम्हीं पर हम बलिहार हो गए.........
****