भजन -44
सुंदर मंदिर आलिशान, विराजे मेरे गुरु महाराज -2
1. इस मंदिर की शान निराली, विराजे यहाँ दुनियां के
वाली -2
दिया सबको आशीर्वाद, सुंदर मंदिर आलिशान.......
2. सुंदर सुंदर ये है नज़ारा, श्री सतगुरु जी का दर्शन
प्यारा -2
किया भक्ति से मालो माल, सुंदर मंदिर आलिशान......
3. देवी देव तेरा दर्शन पाते, रूप बदल कर दर पर आते -2
किया सबको है निहाल, सुंदर मंदिर आलिशान......
4. पाँच नियम सुंदर है बनाए, जो हर गुरुमुख ने अपनाएँ
-2
की है रहमत
हम पर अपार, सुंदर मंदिर आलिशान......
5. दाता मेरे परोपकारी, सबकी नईयां है सवारी -2
किया
भवसागर से पार, सुंदर मंदिर आलिशान.......
6. भक्ति का झंडा लहराया, सारे जगत में है दिखलाया -2
सबसे ऊँची
तेरी शान, सुंदर मंदिर आलिशान......
7. दासन दास जाये बलिहारी, श्री सतगुरु जी के चरणों
में वारी -2
अर्शों हो रही जय जयकार, सुंदर मंदिर आलिशान......
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