भजन
-38
प्रभु जी तेरे चरण कमलों में आकर नई जिंदगी
नया रंग पा लिया है
उलझा था दामन जगत प्यार में जो किरपा सी
तेरी सुलझा लिया है
1.
ना
पाया जिसे जगत के ऐशों सामान में
न पाया हवाओं में ना पाया फिजाओं में
किया जब तेरे चरण कमलों में सजदा
निगाहें
करम से वो सुख पा लिया है प्रभु जी ................
2.
क्यूँ
डगमगायें क्यूँ अटके भँवर में
जाकर फँसे क्यों फिर खौफों खतर में
लगे जा किनारे न क्यूँ नाँव मेरी
के
जब तुझसा मैंने मल्लाह पा लिया है प्रभु जी ................
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