भजन
-62
विनती ये ही श्री चरणार है मिल जाए हमको तेरा प्यार है
1. हर समय आँखो में तेरा ध्यान हो
और होठों पर
ये प्यारा नाम हो
यही
ख्वाहिश दिल की बारम्बार है...........
2. आपके चरणों की केवल आस हो
दिल
में सच्ची श्रद्धा और विश्वास हो
नाम
का भिक्षुक तेरे चरणार है, विनती………
3. मौज मे चलने की शक्ति दीजिये
विमल
चरणों की भक्ति दीजिये
हर
घड़ी हर पल तेरी पुकार है, विनती............
4. सेवा के जज़्बात पूरे हो इस तरह
उछलती
लहरों मे सागर जिस तरह
भाग्यों
से ये मिल गया दरबार है, विनती…….….
5. हर जन्म सेवा करूँ दरबार की
है
तमन्ना इस खाकसार की
दास
को फक्त तेरा आधार है, विनती…………..
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