भजन -34
मेरे सतगुरु के चेहरे पे ऐसा नूर है
दिल उनके दर्शन करने को मजबूर है
1. चिट्टा चोला पहन के जब वो सामने आते है
फूलों वाले हार पहन कर जब मुस्काते है
रुक जाती है धड़कन और प्रभु स्वांस नहीं आती
दुनिया की फिर चीज कोई रास नहीं आती
उनकी नज़रों में ऐसा सरुर है दिल..........
2. चरण दासियाँ पहन के जब श्री कदम बढ़ाते है
उनके चरणों में फिर हम ये शीश झुकाते है
खिल जाती है कलियाँ और फूल मुस्काते है
जब आकर सुंदर अपनी वो छवि दिखाते है
दिल का हाल उनसे कहना जरुर है दिल.............
3. श्री कार में बैठ के जब प्रभु मंदिर आते
है
इनके आने पर हम तो दीपक जलाते है
भक्तों के चहरे भी फिर खिल खिल जाते है
जब आकर सुंदर अपनी वो छवि दिखाते है
आप ही वो हाजिर हजूर है दिल.............
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