भजन -43
सुंदर ये दर है तेरा झुकता है सारा जहां
शान तेरी देख कर महिमा तेरी सुन कर कुदरत भी हैरान
है
1.
चंदा
से बढ़कर शीतलता तुझमे सूरज से बढकर तेरा तेज है -2
सागर से गहरा हृदय है तेरा, पवन से बढ़कर तेरा वेग
है -2
बोलो जय-जय कारा दिन ये प्यारा-प्यारा आज यहाँ
खुशियाँ है छाई
अपने प्रभु पे जाए सदा हम सब ही कुर्बान है शान
तेरी............
2. सारे जँहा में फैला उजाला धरती पे आये है नूरो के
नूर -2
हम सब की खातिर आये है जग में लेकर के अपना सुंदर
सा रूप -2
चाँद सितारों में और नजारो में तेरा यहाँ कोई जवाब
नहीं
लम्बी हो प्रभु तेरी उम्र हम सब का अरमान है शान
तेरी............
3. हम सब के दिल की ये ही दुआ है युग युग ये दर मिलता
रहे -2
दासन दास की मांग यही है भक्ति में जीवन कटता रहे
-2
मेरी ये तम्मना है शुभ कामना है तेरे ही चरणों का
प्यार मिले
दे दो हमें भक्ति का दान जो सुखों की खान है शान
तेरी............
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