भजन
-46
श्री आरती पूजा होती है जिस घर में
मेरे सतगुरु रोज आते वहां -2
1. अपने भक्तो का रखते है, ध्यान सदा
सिर पे रखते है दया का हाथ सदा
रहमत
के है भंडारी, सारी दुनिया है तारी
2. तुम भी रोज ही जोत जगाया करो
अपने सतगुरु के दर्शन पाया करो
प्रभु
दौड़े -2 आते है, भक्तो का मान बढ़ाते है
3. सब के घर में उजाला करते है
सब की झोलिया सुखो से भरते है
जगमग -2 जोत जले है, जीवन में वो मौज करे
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