Wednesday, December 23, 2020

36. तेरे दर्शन की कशिश

 

भजन -36

 

तेरे दर्शन की कशिश हमें खींच लाती है

 

तेरी अखियाँ यूँ लगे जैसे हमें बुलाती है तेरे दर्शन..........

 

1. तेरे मुखड़े पे प्रभु नूर ईलाही है -2

फिदा खाली हम नहीं फिदा सारी खुदाई है -2

तेरे दर्शन को खुदाई भी दौड़ी आती है तेरे दर्शन...........

 

2. ऐसा भोला मुखड़ा है ऐसा तो कोई फूल नहीं -2

आया दिल तुझपे दिल की कोई भूल नहीं -2

तेरी मीठी ये अदाएँ मन को जीत जाती हैं तेरे दर्शन की…………….

 

3. हँस - हँस के है बातें करना अपने प्यारों से -2

दात अपनी बख्शना नजर के इशारों से -2

तेरी प्यारी ये छवि मेरे मन को भाती है तेरे दर्शन की..........

 

4. तेरा ये नूरानी मुखड़ा देखा है जब से -2

तेरा ये दीवाना दास बन गया तब से -2

तेरी यही सादगी मन को जीत जाती है तेरे दर्शन की...............

 

 

****