भजन -36
तेरे दर्शन की कशिश हमें खींच लाती है
तेरी अखियाँ यूँ लगे जैसे हमें बुलाती है
तेरे दर्शन..........
1.
तेरे
मुखड़े पे प्रभु नूर ईलाही है -2
फिदा खाली हम
नहीं फिदा सारी खुदाई है -2
तेरे दर्शन को
खुदाई भी दौड़ी आती है तेरे दर्शन...........
2.
ऐसा
भोला मुखड़ा है ऐसा तो कोई फूल नहीं -2
आया दिल तुझपे
दिल की कोई भूल नहीं -2
तेरी मीठी ये
अदाएँ मन को जीत जाती हैं तेरे दर्शन की…………….
3.
हँस
- हँस के है बातें करना अपने प्यारों से -2
दात अपनी
बख्शना नजर के इशारों से -2
तेरी प्यारी
ये छवि मेरे मन को भाती है तेरे दर्शन की..........
4.
तेरा
ये नूरानी मुखड़ा देखा है जब से
-2
तेरा ये
दीवाना दास बन गया तब से -2
तेरी यही
सादगी मन को जीत जाती है तेरे दर्शन की...............
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