भजन-97
प्रभु जी
हम शरण तुम्हारी यही है मांग हमारी
चरणों की
भक्ति दे दो विनय ये हमारी
1.
दिन -2 प्रीति श्री चरणों में बढ़ती रहे सदा
किसी जन्म में छुटे ना साथ तेरा दाता
के तेरे ही कहलाये सदा सौभाग्य ये
पाए
चरणों की भक्ति......
2.
आपका सुमिरन आपकी पूजा आपका करे ध्यान
निशदिन हो मेरे दाता जी, एक यही मेरा
काम
लगन ये बढ़ती जाए कभी ना घटने पाए
चरणों की भक्ति.........
3.
नाम के रंग में तन मन रंग दो सतगुरु दिन दयाल
अपनी प्रेमा भक्ति से कर दो मालो माल
रखे हम तुमको राजी लगा तन मन की बाजी
चरणों की भक्ति.......
4.
दासन दासों की विनय करना प्रभु मंजूर
इन श्री चरणों कभी होवे ना हम दूर
के अपने ही साए रखने सदा अपनाए रखना
यही वरदान भर दो झोली में हमारी प्रभु जी हम...........