भजन-56
तुझे सूरज कहूं या चंदा, तुझे कहूँ
अर्श का तारा
तेरी तुलना करूँ मैं किससे, तू है
त्रिभुवन से न्यारा
1. सूरज
से करूँ क्या तुलना, दिन भर वह आग बरसता
शांति
का सागर है तू, जन -2 को शीतल करता है
तेरी
जोति से किरणे पाकर, जग में करे उजियारा तेरी तुलना.......
2. चंदा
से करूँ क्या तुलना घटता बढ़ता ही रहता
तेरी
नाम का अमर उजाला हर दम ही बढ़ता रहता
इस
आलिशान जगह में तेरा रूप है सब से न्यारा तेरी तुलना.......
3. तुझे
राम कहूँ या नानक, तुझे कृष्ण कहूँ नटनागर
पीरों
का पीर तुही है मेरे सतगुरु सुख सागर
सबका
मन हर्षाये तेरा देख के रूप उजियारा तेरी तुलना.......
4. तेरी
चन्द्र छवि के सन्मुख, ये विष्णु भी शरमाये
तेरा
देख के धाम आनंदपुर, बैकुंठ पूरी भी लजाये
तेरे
दर पे ही सबने अपना दामन है पसारा तेरी तुलना.......
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