भजन -52
मेरी आस यही विश्वास यही मेरे दिल में सदा तेरा प्यार रहे
मन कभी ना डामाडोल होवे सदा एक रस हो दरबार रहे
1. तन
सेवादार रहे निशदिन, मन में तेरा प्यार रहे निशदिन
चरणों
का आधार रहे निशदिन, अज्ञान का दूर अंधकार रहे मेरी..........
2. मैं
चाहूँ सदा तेरी भक्ति, प्रभु याँचू दो मोहे शक्ति
हो
साफ़ मेरे दिल की तक्ती, बिन तेरे ना कोई आकर रहे मेरी..........
3. आखों
में रूप बसे तेरा, कानो से नाद सुनु तेरा
जीभा
गुणगान करे तोरा, चित्त जुड़ा सदा चरणार रहे मेरी..........
4. ये
दासन दास की अरजोई, बिन सतगुरु अपना नहीं कोई
मिले
उनको दरगाह में ढ़ोई, जो गुरु के हो संसार रहे मेरी..........
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