भजन
-44
अंग अंग चढ़ी
नाम दी खुमारी गुरां ने ऐसा रंग सुट्या
बारों अंदरों
मैं रंगी गयी सारी गुरां ने ऐसा रंग सुट्या
1. गुरु चरणा
च मत्था चढ़ो टेकया
दसा की ओ नजारां जो मैं वेखयां
देखे अंग संग बाके बिहारी गुरां ने ऐसा.......
2. ऐना पूछों
रंग पीला सी की लाल सी
रंग जेड़ा वी सी बड़ा ही कमाल सी
वेख सोचा विच डूबया ललारी गुरां ने ऐसा.......
3. खोली गुरां
जद सच दी किताब सी
मैंनू दिता हर सवाल दा जवाब सी
एक पल च मुकाई गल सारी गुरां ने ऐसा.......
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