भजन-74
तेरा दर्शन मैं जब
देखूं मेरा मन झूम जाता है
के जैसे रंक धन पाकर
फुला नहीं समाता है
1.
कशिश ऐसी अनोखी है तेरे दर्शन में ऐ स्वामी
झलक जो भी पा जाए वो भागो को सराहता है
तेरा दर्शन मैं जब................
2.
बुझे न प्यास दर्शन की तमन्ना और भी बड़ती
नजारा आखों में हर्दुम यही तेरा सुहाता है
तेरा दर्शन मैं जब................
3.
तू ही आधार
जीवन का तुही जीवन प्रभु मेरी
झुके जब सर हुजुरी में मजा जन्नत का आता है
तेरा दर्शन मैं जब................
4.
श्री चरणों में ये विनती मेरी स्वीकार हो भगवन
विराजे रहो इन आखों में मेरा इक तुही दाता है
तेरा दर्शन मैं जब................
5.
तमन्ना है ये दासन दास रहे हर हम तेरा खादिम
तेरा बिना बख्शीश न दिल प्रभु कुछ और चाहता है
तेरा दर्शन मैं जब................