भजन -92
रहमत के
भण्डारी प्रभु रहमत इतनी कर दो
अपनी भक्ति
से प्रभु झोली मेरी भर दो
1.
लब पर हो मेरे हर दम, चर्चा तेरी भगवन
स्वांसों की सरगम पर, चलता हो
तेरा सुमिरन -2
रहूँ नाम की मस्ती में ऐसा मुझको वर दो अपनी भक्ति.......
2.
भाते हो जो तुमको वही
कर्म किये जाऊं
तेरी कृपा की छाया में दातार जिए
जाऊं -2
अपने रंग में ही प्रभु जीवन मेरा रंग
दो अपनी भक्ति ...........
3.
तू मालिक है मेरा मैं दास तेरा दाता
तू तू के धुन गाये हर स्वांस मेरा
दाता -2
यही चाह है मेरी भगवन इसको पूरी कर
दो अपनी भक्ति का ..........
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