भजन-76
शीश झुकालो गाओ महिमा प्यारे सतगुरु की
गाओ महिमा सतगुरु की-2
1. इस दरबार
की शान निराली ऊँची है जग में शान
सेवा भक्ति की दात देते श्री परमहंस भगवान
श्री परमहंस भगवान गाओ महिमा सतगुरु
की..........
2. रहमत का ये
दरिया है बक्शीश का है दरबार
श्रद्धा भाव से जो भी आये, ये करते बेड़ा पार
ये करते बड़ा पार गाओ महिमा सतगुरु
की..........
3. जग तारण की
खातिर आये, तन पे कष्ट उठाते
देश विदेश में ध्वजा फराए, खुद मेंरे गुरुवर
आके
खुद मेंरे गुरुवर जाके गाओ महिमा सतगुरु
की..........
4. दया वान है
सतगुरु दयालु, करते सबको निहाल
एक दया दृष्टि से करते, ये तो मालो माल
ये करते मालो माल गाओ महिमा सतगुरु
की..........
5. दासन दासी
ये दर पाके धन धन भाग मनाये
श्री चरणों में बलि -२ जाए लख -२ शुक्र
मनाये
लख -२ शुक्र मनाये गाओ महिमा सतगुरु
की..........
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