भजन -42
भरों खुशियों से सबके दामन के कही कोई कमी
यूँ ही बरसे रहमतों का सावन के कही कोई कमी न रहे
1. तन से जो निर्बल सभी बलवान हो
धन से कमी है जिन्हें वो भी धनवान हो
मिले सभी को ख़ुशी मन भावन के कही
कोई................
2. प्यार से भरे हो दिल चहरों पे नूर हो
मीठे बोल वाले शिष्य आपके हजुर हो
ऊँचा उजला हो सबका जीवन के कही कोई................
3. प्रीत प्यार महके घर -2 हो दीवालियाँ
संतों के मेले हो नित खुशहालियाँ
गूंजे तू ही तू हर घर आंगन के कही
कोई................
4. आठों पहर करे तेरी आराधना
दासों की हाथ जोड़ यही प्रार्थना
मांगे भक्ति निर्मल पावन के कही
कोई................
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