भजन-79
मेरे दिल में हो सतगुरु प्यार तेरा
रहे मुझको सदा आधार तेरा
1. उलझ जाऊं
ना मैं दुनिया की मोह में
ना भटके मेरा मन विषयों की टोह में
ना भूले भजन ऐ दीदार तेरा रहे मुझको
सदा...........
2. ये मोह
माया की लहरों के झकोले
मेरी कश्ती न इन लहरों में डोले
सहारा बस है खेवन हार तेरा रहे मुझको
सदा...........
3. मेरे
सतगुरु तू है समरथ मैं निर्बल
कि मुझ पे चल ना जाए, माया का छल
मुझे है आसरा, दरकार तेरा रहे मुझको
सदा...........
4. तेरा ही
प्यार मेरी जिन्दगी है
यही बस मांग दासन दास की है
मिल वरदान बक्शन हार तेरा रहे मुझको
सदा...........
*****