भजन-71
मेरे साहिब
के दरबार हो रही खुशियों की बरसात
सच्ची
खुशियों से भरते है ये झोली सबकी
1.
भक्ति के लेकर अकूत खजाने, आये प्रभु जी जग में लुटाने
जो भी आये श्री चरनार, करते सबको ये
निहाल
करके नजरे कर्म एक रहमत की मेरे
साहिब.........
2.
सारे जग के है तारनहारे हम सबके है पालनहारे
है ये करुना के अवतार, भक्तो के है
प्राणाधार
तीनो लोको में इनका, ना साहनी कोई भी
मेरे.............
3.
दासन दासा सदके जाए, रहमत पे इनकी बलिहारी जाए
मांग यही मेरी सरकार मिलता रहे
प्यारा दीदार
रहों युग युग सलामत ये दुआए सबकी.........